Tuesday, March 20, 2018

आक्सीरिच इनवायरमेंट वेलफेयर फाऊंडेशन के मूल उदेद्श्य:-

फाऊंडेशन के मूल उदेद्श्य:- 

👉 वायुमडण्ल में आॅक्सीजन की मात्रा को बढाने हेतु सर्वाधिक आॅक्सीजन उत्सर्जित करने वाले पौधो/वृक्षो का रोपड़ करना एवं ऐसै पौधो/वृक्षो को संरक्षित करना। 


👉 ग्लोबल वार्मिग व वायु प्रदूशण की समस्या को कम करने का प्रयास एवं विभिन्न माध्यमों के द्वारा सामाज में हरितक्रांति का संचार करना।


👉प्रदुषण की समस्या से निपटने के लिये आमजनो को प्रेरित करना ताकि हमारी आने वाली पीढियों व समाज सुरक्षित रखना।

👉 प्रत्येक ग्राम पंचायतो, सरकारी आवासो, विद्ययालयो एवं सरकारी पडती भूमि, वनो एवं निजी संस्थानो के आस-पास अत्याधिक आॅक्सीजन उत्सर्जित करने वाले पौधो का रोपड़ करना। एवं ऐसे पौधो के रोपड़ करने के लिये आमजनो को प्ररित करना।


👉 ब्रम्हंाड पर मानवीय, जलीय, एवं पादपीय वर्ग की सभ्यताओं को संरक्षित करने हेतु समाज में जागरूकता का संदेष पहुचानाॅ एवं भविश्य में मानवीय सभ्यता के इससे होने वालो लाभो से अवगत करवाना।


👉 फांउडेषन के माघ्यम से सरकारी व गैर-सरकारी विभागो के साथ मिलकर उपरोक्त दिषा मे कार्य करना तथा इस प्रकार के कार्यो हेतु मानवसमाज में आमजनो का पे्ररित करना एवं ब्राम्हाण्ड को प्रदुशण मुक्त कर वायुमण्डल में आक्सीजन की मात्रा को बढ़ाने का प्रयास करना।


👉 जलाशयों, वनो, एवं संास्कृतिक धरोहरो को बाचए रखने का प्रयास करना।


👉 प्रर्यावरण/जलीय एवं अन्य प्रकार के प्रदूशणों से मानव सभ्यता एवं ब्रम्हंाड में पाई जाने वाली जैसे जीव-जन्तु, पेड़-पौधे, एव अन्य जो मानव सभ्यता के इर्दगिर्द परोक्ष व अपरोक्ष रूप  मे पायी जाती है। प्रदूशण के पड रहे प्रभावो के बारे में जागरूकता एवं उसे बचाने का प्रयास करना।

👉  ऐसे पौधो (अत्याधिक आक्सीजन उत्सर्जित करने वाले) का अत्यधिक रोपड़ कर प्रदेष में आॅक्सीजन धनी ग्रामों, ग्राम पंचायतो एव षहरो एवं जिलो के निर्माण में सहायक बनाने हेतु प्रयास करना। 


👉 अन्य सामाजिक कार्य जो मानवीय सभ्यता की जरूरतो के लिये आवष्यक होती है।



👉 पर्यावरण, जल, थल, एवं बतावरण इत्यदि को प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान पहुचाने वाले वृक्ष/पौधे के रोपड़  का विरोध करना। अर्थात  विरोध करना।


ध्यान देने योग्य  बात:

     ऐसे पौधे जिनका की एक पहलू तो किमती/मूल्यवान होता है किन्तु दूसरा पहलू हमारे/वातावरण में नुकसानदायक साबित हो रहे है।

जैसा के आजकल देखा जा सकता है कि शासकीय भवनो के आस पास व सड़क व मार्गो के दोनो किनारो पर सजावटी (विदेशी वृक्षो) को लगाने में हमारी सरकारे एवं सस्थाए खूब रूचि ले रही है ऐसे वृक्ष देखने में सुन्दर, छायादार व फूलवर्धक तो होते है किन्तु इन वृक्षो का मानव, पशु, पक्षी व पर्यावरण के कितना योगदान है यह बात समझ से परे है। तो सोचने कि बात यह है कि हम ऐसे वृक्षो/पौधो का रोपड़ क्यो करे ! जिनके दुसरे पहलू का उपयोग पशु, पंक्षी, मानव के लिये ना हो।

मेरा आप लोगो से निवेदन है के पर्यावरण संरक्षण के इस महायज्ञ में आप भी हमारी टीम का हिस्सा बनिये। और प्रकृति संरक्षण के महायज्ञ में अपना योगदान देकर आने वाली पीढीयो को बेहतर भविष्य व स्वच्छ वातावरण का निर्माण करने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करे। 


निवेदक :
संदीप कुमार मौर्य 
अध्यक्ष
आकसीरिच ईन्वायरमेन्ट वेलफेयर फाऊडेशन






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