Wednesday, June 27, 2018

वृक्ष मित्र (सेल्फी वीथ ट्री) अभियान द्वारा वृक्षों के संरक्षण के प्रति लोगो में जागरूकता का प्रयास



पेड़ हमारे जीवन व मानव सभ्यता के प्रतीक हैं। पेड़ों के बिना धरती पर जीवन की कल्पना करना असंभव है। ये धरती मॉ के द्वारा हम मनुष्यों को दिया गया अनमोल उपहार है पेड़ों के कारण ही मनुष्य व जीव-जन्तु, पशु-पक्षी आदि को अपनी आधारभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के हेतु सुगमता से संसाधन प्राप्त होते हैं। यदि पृथ्वी पर पेड़ न हों तो पर्यावरण का संतुलन ही बिगड़ जायेगा और चारो-ओर तबाही ही तबाही नजर आयेगी। 


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वृक्ष मित्र अभियान का संचालन व शुभारम्भ करते फाऊडेशन अध्यक्ष श्री संदीप कुमार मौर्य

आजकल हम लोग विकास की आधुनिकता एवं विलासतापुर्ण जीवन शैली के चलते अपने चारो ओर  कंकरीट के जंगल , पहाड, व सूखी नदियो का निर्माण कर रहे है और वे भी इस प्राकृतिक अनमोल धरोहरो से अर्जित किये गये धन से। यदि पेड़ काटने के साथ-साथ इनका रोपण न किया गया तो एक दिन ऐसा अयेगा कि धरती पर जीवन की संभावनायें ही खत्म हो जायेगी । 
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वृक्ष मित्र अभियान को सफल बनाने हेतु अपना योगदान देते फाऊडेशन अध्यक्ष श्री संदीप कुमार मौर्य
संरक्षक श्री महेन्द्र अग्रहरी (मंटू भैया)
वृक्ष हमारे जीवन के अभिन्न अंग है जो हमे  हवा, पानी, खाने-पीने की सामग्री, ईंधन, वस्त्र, जानवरों का चारा अन्य कार्यों में प्रयोग करने के लिए लकड़ी सब हमें इन्ही वृक्षों से ही मिलता है। पेड़ / वृक्ष पर्यावरण से कार्बन डाईऑक्साईड लेकर बदले में ऑक्सीजन देते हैं। पेड़ों पर कई जीव-जन्तु अपना घर बनाते हैं। यदि पेड़ न हों तो हम अपने आस पास स्वस्थ पर्यावरण की कल्पना भी नही कर सकते । 

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वृक्ष मित्र अभियान को सफल बनाने हेतु अपना योगदान देते फाऊडेशन
 कोषाध्यक्ष श्री रणजीत मौर्य  श्री पूरन परस्ते एव रामचन्द्र रजक

आज हमारे द्वारा प्रकृति के ऐसे अनमोल व अद्भूत सम्पतियों को नष्ट किया जा रहा है यदि ऐसी परिस्थिति चलती रही तो धीरे-धीरे प्रकृति का संतुलन बिगड़ता जायेगा और एक दिन ऐसा अयेगा कि प्रकृति व पर्यावरण में विद्यमान अमूल्य सम्पदाओं व प्रजातियो इत्यादि को लुप्त कर देंगे। इस प्रकार इस धरती पर न जीवन होगा न जीव-जन्तु, पशु-पक्षी।

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वृक्ष मित्र अभियान को सफल बनाने हेतु अपना योगदान देते फाऊडेशन
सचिव श्री राजीव शर्मा व श्री अमित दुबे जी





अतः हमें चाहिये कि हमारे आसपास हमें जितनी भी खाली भूमि दिखाई दे हमे वहाँ  फलदार, छायादार एव औषधीय पौधो का रोपण करना चाहिये और साथ ही ऐसे अमूल्य धरोहर को संरक्षित करने के उपाय खोजने चाहिये। इस अमूल्य सम्पदा की कमी से धरती पर ग्लोबल वार्मिंग, सूखा, भूमि कटाव जैसे समस्यायें अपना विकराल रूप लेती जा रही हैं।

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वृक्ष मित्र अभियान को सफल बनाने हेतु अपना योगदान देते फाऊडेशन पदाधिकारी व सम्माननीय सदस्य



 जिसका उदाहरण स्वयं स्लीमनाबाद है 
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अर्थात कुछ दशको पूर्व तक स्लीमनाबाद व आस पास के क्षेत्रों में वनो, जगलो, की भरमार थी यहां की जल स्रोत्र तालाब व पोखरे बारहो महीने पानी से लबालब भरे रहते थे नदिया बारहों महीने अविरल कल कल की ध्वनि के साथ बहते हुए पशु-पक्षी जीव जन्तु व कृषको को जीवन्त करती रही है किन्तु आज स्थिति कहां और कैसी है व भविष्य की तो सोचने मात्र से पूरे शरीर में सिहरन पैदा हो जाती है यदि हम प्राकृतिक आपदाओं से बचना चाहते हैं तो हमें पेड़ों के संरक्षण की ओर कदम उठाने ही होंगे।

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वृक्ष मित्र अभियान को सफल बनाने हेतु अपना योगदान देते फाऊडेशन पदाधिकारी व सम्माननीय सदस्य

लेकिन क्या मनुष्य इस प्राकृतिक संसाधन से अपना लाभ लेना ही जानता है या वह इसके संरक्षण और संर्व्धन की ओर भी जागरुक है? वर्तमान की स्थिति देखकर ऐसा लगता है कि हम पेड़ों को बचाना तो चाहते हैं पर शायद उतना प्रयास नहीं कर पा रहे हैं जितना आवश्यक है।

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वृक्ष मित्र अभियान में अपना योगदान देते फाऊडेशन पदाधिकारी व 
थाना प्रभारी श्री ईन्द्रेश त्रिपाठी थाना स्लीमनाबाद

वृक्ष मित्र (सेल्फी वीथ ट्री) अभियान का  तात्पर्य :- 



1. इस अभियान के माध्यम से संस्था व सस्था के सहयोगी द्वारा आमजनो को वृक्षो के प्रति लगाव स्थापित करना है।


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वृक्ष संरक्षण हेतु आमजनो हेतु सदेशात्मक संदेश लिखते फाऊडेशन अध्यक्ष श्री संदीप कुमार मौर्य संरक्षक श्री महेन्द्र अग्रहरी मंटू भैया
2. इस अभियान में संस्था के सहयोगी के द्वारा आस-पास उपस्थिति वृक्षो को लगभग 3-4 फिट उचाई तक चूना पोताई कर उस पर रगों के माध्यम से विभिन्न प्रकार के संकेत व संदेश उकेरित कर आमलोगो में वृक्षो के संरक्षण के प्रति जगरूकता लाना है।
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3. हम सब भारत की भूमि पर पैदा हुए है तथा भारतीय संस्कृति व इतिहास विश्व प्रसिद्व है भारतीय संस्कृति में संबधो को महत्व दिया गया है अतः सस्था इसी संस्कृति को आगे बढाते हुए मानवो व वृक्षों के बीच संबध जोडकर उनकी रक्षा हेतु सकल्पित करना।
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4. यह कि हम सब भारतवासी सदियो से धरती को अपनी माता पुकारते है तो हम भी धरती मॉ की संताने है और वृक्ष, नदियां, पहाड, आदि भी,  धरती मॉ की ही कोख से जन्मे है तो ये सब भी इसी माता की संतान है अतः जब हम सब एक ही मॉ की संतान है तो धरती पर उपस्थित समस्त वस्तुओ से हमारा गहरा संबध होना चाहिये। और है भी, किन्तु आज आधुनिकता व विलासतापूर्ण जीवन शैली ने इन संबधो पर कैची चला दिया है। अतः हमारी संस्था का उद्देश्य इस अभियान के माध्यम से पुनः प्रकृति व मानवो में उन्ही संबधो को स्थापित करना है 


5. यदि आज हम इस दिशा में कार्य करेंगे तभी भावी पीढ़ी को भी इस ओर काम करने की प्रेरणा मिलेगी।



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6. हम खुशी के अवसर पर पैसा खर्च करते हैं, दावतें करते हैं लेकिन इन सब के बजाय यदि उसका कुछ हिस्सा भी हम पौधारोपण और पेड़ों के संरक्षण पर खर्च करें तो ये सिर्फ हमारे जान-पहचान वालों के लिए ही नहीं बल्कि मनुष्य व आने वाली पीढी के लिए भी खुशीयाली का संकेत होगी।


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पेड़ प्रकृति की वो देन है जिसका कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है। पेड़ हमारा सबसे घनिष्ठ मित्र है। हमारे द्वारा लगाया गया पेड़ सिर्फ हमें ही लाभ नहीं पहुँचाता बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों को लाभ पहुँचाता है । 

इसलिये हमारी संस्था "आक्सीरिच इन्वायरमेन्ट वेलफेयर फाऊडेशन" - तेवरी के द्वारा वृक्षों के संरक्षण के प्रति लोगो में जागरूकता लाने के उद्देष्य से ’’वृक्ष मित्र (सेल्फी वीथ ट्री)  अभियान’’ चलाकर वृक्षो का मानव जीवन व पृथ्वी पर इसके महत्व के बारे में आमजनो में जागरूकता लाने का प्रयास कर रही है।

मेरा आप लोगो से निवेदन है के पर्यावरण संरक्षण के इस महायज्ञ में आप भी हमारी टीम का हिस्सा बनिये। और प्रकृति संरक्षण के महायज्ञ में अपना योगदान देकर आने वाली पीढीयो को बेहतर भविष्य व स्वच्छ वातावरण का निर्माण करने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करे। 


निवेदक :
संदीप कुमार मौर्य 
अध्यक्ष
आकसीरिच ईन्वायरमेन्ट वेलफेयर फाऊडेशन




Saturday, June 23, 2018

वायुशोधक वृक्ष है "नीम" यह पृथ्वी पर मानव व प्राणीयो के लिये किसी "संजीवनी" से कम नही ... आइये जानते है आक्सीरिच ईन्वायरमेन्ट वेलफेयर फाऊडेशन के द्वारा ..................


नीम पौधे का रोपड़ करते फाऊडेशन सचिव श्री राजीव शर्मा जी व उनकी प्यारी गुडिया 
नीम एक चमत्कारी वृक्ष माना जाता है। नीम जो प्रायः सर्व सुलभ वृक्ष आसानी से मिल जाता है। नीम के पेड़ पूरे दक्षिण एशिया में फैले हैं और हमारे जीवन से जुड़े हुए हैं। नीम एक बहुत ही अच्छी वनस्पति है जो कि भारतीय पर्यावरण के अनुकूल है और भारत में बहुतायत में पाया जाता है। भारत में इसके औषधीय गुणों की जानकारी हजारों सालों से रही है। भारत में एक कहावत प्रचलित है कि जिस धरती पर नीम के पेड़ होते हैं, वहाँ मृत्यु और बीमारी कैसे हो सकती है। लेकिन, अब अन्य देश भी इसके गुणों के प्रति जागरूक हो रहे हैं। नीम हमारे लिए अति विशिष्ट व पूजनीय वृक्ष है
नीम पौधे का रोपड़ करते फाऊडेशन उपाध्यक्ष श्री राहुल अग्रवाल व उनका भतिजा प्रियम अग्रवाल
यह वृक्ष अपने औषधि गुण के कारण पारंपरिक इलाज में बहुपयोगी सिद्ध होता आ रहा है। नीम स्वाभाव से कड़वा जरुर होता है, परन्तु इसके औषधीय गुण बड़े ही मीठे होते है। तभी तो नीम के बारे में कहा जाता है की एक नीम और सौ हकीम दोनों बराबर है। इसमें कई तरह के कड़वे परन्तु स्वास्थ्यवर्धक पदार्थ होते है, जिनमे मार्गोसिं, निम्बिडीन, निम्बेस्टेरोल प्रमुख है। नीम के सर्वरोगहारी गुणों से भरा पड़ा है। यह हर्बल ओरगेनिक पेस्टिसाइड साबुन, एंटीसेप्टिक क्रीम, दातुन, मधुमेह नाशक चूर्ण, कोस्मेटिक आदि के रूप में प्रयोग किया जाता है। नीम की छाल में ऐसे गुण होते हैं, जो दाँतों और मसूढ़ों में लगने वाले तरह-तरह के बैक्टीरिया को पनपने नहीं देते हैं, जिससे दाँत स्वस्थ व मजबूत रहते हैं।
 पौधो का रोपड़ करते फाऊडेशन के पदाधिकारी व सदस्यगण

चरक संहिता और सुश्रुत संहिता जैसे प्राचीन चिकित्सा ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है। इसे ग्रामीण औषधालय का नाम भी दिया गया है। यह पेड़ बीमारियों वगैरह से आजाद होता है और उस पर कोई कीड़ा-मकौड़ा नहीं लगता, इसलिए नीम को आजाद पेड़ कहा जाता है। ख्1,भारत में नीम का पेड़ ग्रामीण जीवन का अभिन्न अंग रहा है। लोग इसकी छाया में बैठने का सुख तो उठाते ही हैं, साथ ही इसके पत्तों, निबौलियों, डंडियों और छाल को विभिन्न बीमारियाँ दूर करने के लिए प्रयोग करते हैं। 
 पौधो का रोपड़ करते फाऊडेशन के अध्यक्ष संदीप कुमार मौय व सदस्य आचार्य अमित दुबे जी

ग्रन्थ में नीम के गुण के बारे में चर्चा इस तरह है :-



निम्ब शीतों लघुग्राही कतुर कोअग्नी वातनुत। 
अध्यः श्रमतुटकास ज्वरारुचिक्रिमी प्रणतु ॥




अर्थात नीम शीतल, हल्का, ग्राही पाक में चरपरा, हृदय को प्रिय, अग्नि, वाट, परिश्रम, तृषा, अरुचि, क्रीमी, व्रण, कफ, वामन, कोढ़ और विभिन्न प्रमेह को नष्ट करता है

पौधो रोपड़ हेतु बच्चो को प्ररित करते फाऊडेशन के उपाध्यक्ष  श्री राहुल अग्रवाल जी व संरक्षक सदस्य श्री महेन्द्र अग्रहरि जी


प्रकृति ने हमें जीवन  निर्वाह करने के लिए अनेक सुंदर उपहार दिये गये हैं उनमें से पेड़ हमारे लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण उपहार हैं। हमारे स्वास्थ्य एवं समृद्धि का पेडों से बहुत गहरा सम्बन्ध है। पेड़ प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों तरह से हमारे लिए अत्यंत उपयोगी हैं।

मैं आपके साथ पेड़ों से होने वाले 10 फायदे साझा कर रहा हूँ और इन्ही फायदों के कारण हमें वृक्षारोपण अवश्य करना चाहिए :-
1. ऑक्सीजन का स्रोत हैं पेड़
धरती पर जीवन के लिए अत्यंत जरूरी तत्वों में से जल और ऑक्सीजन प्रमुख हैं और हम ये जानते हैं धरती पर ऑक्सीजन के मुख्य स्रोत पेड़ ही हैं। वैसे तो सभी वृक्ष दिन के समय ऑक्सीजन छोड़ते हैं। जो जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है परंतु पीपल का वृक्ष सबसे ज्यादा ऑक्सीजन प्रदान करने वाला वृक्ष है।


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2. पर्यावरण को करते हैं शुद्ध
 हमारे वायुमण्डल में उद्योग तथा मानवीय कचरे आदि के कारण अनेक जहरीली गैस तथा रसायन मिल जाते हैं इन जहरीली गैस तथा रसायनों को वायुमण्डल से साफ करने में पेड़ पौधे प्रमुख भूमिका निभाते हैं। CO2 का उपयोग करके ऑक्सीजन के रूप में शुद्ध हवा वातावरण में उत्सर्जित करते हैं। 
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3. स्वास्थ्य की करते हैं रक्षा
अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाने में पेड़ो द्वारा हमें एक मजबूत कवच प्रदान किया जाता है। जिससे त्वचा कैंसर (skin cancer½ तथा अन्य बीमारियों से सुरक्षा मिलती है। पेड़ों के द्वारा प्रदत्त शुद्ध हवा से रोगी व्यक्ति के स्वास्थ्य में शीघ्र ही सुधार होता है। कई अंतर्राष्ट्रीय शोध भी यह बताते हैं कि हरे भरे वातावरण के रहने से डिप्रेशन ¼Depression½]  तनाव (Stress½ , अनिद्रा ¼insomnia½  जैसी मानसिक समस्याओँ ¼Mental problems½ में शीघ्र सुधार होता है।
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4. जल का करते हैं संरक्षण
पेड़ अपनी छाया के द्वारा जमीन से जल वाष्पीकरण कम करने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। जिससे जल संरक्षण ¼Water Conservation½  होता है। और जल का शुद्धिकरण भी होता है। 

मृदा अपरदन (मिट्टी के कटाव) को रोकते हैं पेड़
पेड़ पानी के संरक्षण ¼water conservation) में तो सहायक है ही साथ ही तेज तूफान एवं बाढ़ की स्थिति में मिट्टी के कटाव को रोकते हैं। जिससे मिट्टी के उपजाऊ तत्व बहने से बच जाते हैं साथ ही बाढ़ से बचाव होता है।
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अच्छी बारिश के प्रमुख कारण है पेड़ 
जिस क्षेत्र में पेड़ पौधों की बहुतायत होती हैं वहां अच्छी बारिश होती है जिससे सूखे से बचाव होकर अर्थव्यवस्था को गति मिलती हैं। अच्छी फसल होती है। किसानों को उपज का ज्यादा मूल्य मिलता है। बाजार में पैसा ज्यादा आता है। अतः हमें हमेशा पेड़ काटने में शामिल होने के बजाय पुराने पेड़ों के संरक्षण तथा नये पेड़ लगाने में योगदान देना चाहिये।
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नीम के पेड़ की जड़ से लेकर छाल, तना, निंबोली और पत्तियां सभी कुछ उपयोगी है। कई शोधों में नीम के कई चमत्कारित गुण सामने आए हैं। आयुर्वेद में नीम को अमृत के समान माना जाता है।
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नीम के पेड़ की जड़ से लेकर छाल, तना, निंबोली और पत्तियां सभी कुछ उपयोगी है। ईंधन से लेकर दवाई तक में नीम का इस्तेमाल हमेशा ही होता आया है। नीम को लेकर भारत सहित तमाम देशों में शोध होते रहे हैं और इन शोधों ने नीम के कई चमत्कारित गुण दुनिया को बताएं हैं। 

आयुर्वेद से जुड़े लोग नीम को अमृत के समान बताते हैं। 


नीम एक ऐसा पेड़ है जो सबसे ज्यादा कड़वा होता है परंतु अपने गुणों के कारण आयुर्वेद व चिकित्सा जगत में इसका अहम स्थान है। नीम रक्त साफ करता है। दाद, खाज, सफेद दाग और ब्लडप्रेशर में नीम की पत्ती लेना लाभदायक होता है।

नीम कीड़ों को मारता है। इसलिए इसकी पत्तों को कपड़ों व अनाज में रखा जाता है। नीम की 10 पत्ते रोज खाने से रक्तदोष खत्म हो जाता है।


नीम के पंचांग, जड़, छाल, टहनियां, फूल पत्ते और निंबोली बेहद उपयोगी हैं। इसलिए पुराणों में इसे अमृत के समान माना गया है। नीम आंख, कान, गला और चेहरे के लिए उपयोगी है। आंखों में मोतियाबिंद और रतौंधी हो जाने पर नीम के तेल को सलाई से आंखों में डालने से काफी लाभ होता है।
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नीम के पत्ते को पीसकर अगर दाईं आंख में सूजन है तो बाएं पैर के अंगूठे पर लेप लगाएं। सूजन अगर बनाईं आंख में हो तो दाएं अंगूठे पर लेप करें। आंखों की लाली और सूजन ठीक हो जाती है।
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कान में दर्द या फोड़ा फुंसी हो गई हो तो नीम या निंबोली को पीसकर उसका रस कानों में टपकाए। 


कान में कीड़ा गया हो तो नीम की पत्तियों का रस गुनगुना कर इसमें चुटकी भर नमक टालकर कान में टपकाकर, कीड़ा मर जाएगा।
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अगर कान से पीप आ रहा है तो नीम के तेल में शहद मिलाकर कान साफ करें, पीप आना बंद हो जाएगा। सर्दी जुकाम हो गया हो तो नीम की पत्तियां शहद मिलाकर चाटें। खराश तुरंत ठीक हो जाएगी।


ह््रदय रोगों में भी नीम लाभदायक है। ह््रदय रोगी नीम के तेल का सेवन करें तो काफी फायदा होगा। नीम की दातुन से दांत साफ करना काफी फायदेमंद होता है।घर पर इसका मंजन भी बनाया जा सकता है।


अपच की समस्या हो तो निंबोली खाने से रूका हुआ मल बाहर निकल जाता है। 
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बासी खाना खाने से पित्त, उल्टियां हो तो इसके लिए नीम की छाल, सोंठ और कालीमिर्च को पीस लें और आठ-दस ग्राम सुबह शाम पानी से फांक लें। तीन चार दिनों में पेट साफ हो जाता है।


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नीम का वृक्ष इस पृथ्वी पर पाया जाने वाला ऐसा अमृतरूपी वृक्ष है जिसका गुणगान दो चार पन्नो में नही किया जा सकता है यह प्रकृति द्वारा मनुष्यो को दिया गया एक संजीवनी बूटी से  कम नही है इसलिये मेरा सभी मित्रो से निवेदन है कि ऐसे अनमोल वृक्षो को बचाए और अत्यधिक लगाए व साथ ही नीम के पौधे को लगाने के लिऐ अपने सगे संबधियो व मित्रगणो को प्ररित करे। 


मेरा आप लोगो से निवेदन है के पर्यावरण संरक्षण के इस महायज्ञ में आप भी हमारी टीम का हिस्सा बनिये। और प्रकृति संरक्षण के महायज्ञ में अपना योगदान देकर आने वाली पीढीयो को बेहतर भविष्य व स्वच्छ वातावरण का निर्माण करने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करे।

संदीप कुमार मौर्य
अध्यक्ष
आक्सीरिच ईन्वायरमेन्ट वेलफेयर फाऊडेशन



Friday, June 22, 2018

पर्यावरण बचाओ सरकार चिल्ला रही है कोशिश सब कर रहे है किंतु .........

पेड़ हूँ मैं... पेड़ हूँ मैं... पेड़ हूँ मैं...
मत रौंदों मुझे , मत काटो मुझे
मैं तुम्हें तकलीफ नही आराम ही देता हूँ
पेड़ हूँ मैं... पेड़ हूँ मैं... पेड़ हूँ मैं...


दोस्तों पर्यावरण बचाओ सरकार चिल्ला रही है कोशिश सब कर रहे है किंतु पेड़ों पे ध्यान किसी का नही है और है भी तो केवल शोदार वृक्षो का चलन हो गया है  देखना यह है कि हमने क्या काटा व क्या लगाया है, 

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काटा बरगद, नीम, पीपल, गूलर, शेमल, आम, जामुन ईमली आदि और उसकी जगह 
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लगाया  


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गोल्डमोहर
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यूकेलिप्टस
                                             
गोल्डमोहर, पाम ट्री, व यूकेलिप्टस, सागौन, खमेर,  व अन्य विदेशी सजावटी वृक्ष ईत्यादि 

अतः बैलेंस बनाओ वर्ना और सभी को अभी से जागना होगा । नही तो जीते जी पश्चाताप करगे व कुछ नही।


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निवेदक :
संदीप कुमार मौर्य 
अध्यक्ष
आकसीरिच ईन्वायरमेन्ट वेलफेयर फाऊडेशन




वृक्ष मित्र (सेल्फी वीथ ट्री) अभियान द्वारा वृक्षों के संरक्षण के प्रति लोगो में जागरूकता का प्रयास

पेड़ हमारे जीवन व मानव सभ्यता के प्रतीक हैं। पेड़ों के बिना धरती पर जीवन की कल्पना करना असंभव है। ये धरती मॉ के द्वारा हम मनुष्यों को दि...