Saturday, June 23, 2018

वायुशोधक वृक्ष है "नीम" यह पृथ्वी पर मानव व प्राणीयो के लिये किसी "संजीवनी" से कम नही ... आइये जानते है आक्सीरिच ईन्वायरमेन्ट वेलफेयर फाऊडेशन के द्वारा ..................


नीम पौधे का रोपड़ करते फाऊडेशन सचिव श्री राजीव शर्मा जी व उनकी प्यारी गुडिया 
नीम एक चमत्कारी वृक्ष माना जाता है। नीम जो प्रायः सर्व सुलभ वृक्ष आसानी से मिल जाता है। नीम के पेड़ पूरे दक्षिण एशिया में फैले हैं और हमारे जीवन से जुड़े हुए हैं। नीम एक बहुत ही अच्छी वनस्पति है जो कि भारतीय पर्यावरण के अनुकूल है और भारत में बहुतायत में पाया जाता है। भारत में इसके औषधीय गुणों की जानकारी हजारों सालों से रही है। भारत में एक कहावत प्रचलित है कि जिस धरती पर नीम के पेड़ होते हैं, वहाँ मृत्यु और बीमारी कैसे हो सकती है। लेकिन, अब अन्य देश भी इसके गुणों के प्रति जागरूक हो रहे हैं। नीम हमारे लिए अति विशिष्ट व पूजनीय वृक्ष है
नीम पौधे का रोपड़ करते फाऊडेशन उपाध्यक्ष श्री राहुल अग्रवाल व उनका भतिजा प्रियम अग्रवाल
यह वृक्ष अपने औषधि गुण के कारण पारंपरिक इलाज में बहुपयोगी सिद्ध होता आ रहा है। नीम स्वाभाव से कड़वा जरुर होता है, परन्तु इसके औषधीय गुण बड़े ही मीठे होते है। तभी तो नीम के बारे में कहा जाता है की एक नीम और सौ हकीम दोनों बराबर है। इसमें कई तरह के कड़वे परन्तु स्वास्थ्यवर्धक पदार्थ होते है, जिनमे मार्गोसिं, निम्बिडीन, निम्बेस्टेरोल प्रमुख है। नीम के सर्वरोगहारी गुणों से भरा पड़ा है। यह हर्बल ओरगेनिक पेस्टिसाइड साबुन, एंटीसेप्टिक क्रीम, दातुन, मधुमेह नाशक चूर्ण, कोस्मेटिक आदि के रूप में प्रयोग किया जाता है। नीम की छाल में ऐसे गुण होते हैं, जो दाँतों और मसूढ़ों में लगने वाले तरह-तरह के बैक्टीरिया को पनपने नहीं देते हैं, जिससे दाँत स्वस्थ व मजबूत रहते हैं।
 पौधो का रोपड़ करते फाऊडेशन के पदाधिकारी व सदस्यगण

चरक संहिता और सुश्रुत संहिता जैसे प्राचीन चिकित्सा ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है। इसे ग्रामीण औषधालय का नाम भी दिया गया है। यह पेड़ बीमारियों वगैरह से आजाद होता है और उस पर कोई कीड़ा-मकौड़ा नहीं लगता, इसलिए नीम को आजाद पेड़ कहा जाता है। ख्1,भारत में नीम का पेड़ ग्रामीण जीवन का अभिन्न अंग रहा है। लोग इसकी छाया में बैठने का सुख तो उठाते ही हैं, साथ ही इसके पत्तों, निबौलियों, डंडियों और छाल को विभिन्न बीमारियाँ दूर करने के लिए प्रयोग करते हैं। 
 पौधो का रोपड़ करते फाऊडेशन के अध्यक्ष संदीप कुमार मौय व सदस्य आचार्य अमित दुबे जी

ग्रन्थ में नीम के गुण के बारे में चर्चा इस तरह है :-



निम्ब शीतों लघुग्राही कतुर कोअग्नी वातनुत। 
अध्यः श्रमतुटकास ज्वरारुचिक्रिमी प्रणतु ॥




अर्थात नीम शीतल, हल्का, ग्राही पाक में चरपरा, हृदय को प्रिय, अग्नि, वाट, परिश्रम, तृषा, अरुचि, क्रीमी, व्रण, कफ, वामन, कोढ़ और विभिन्न प्रमेह को नष्ट करता है

पौधो रोपड़ हेतु बच्चो को प्ररित करते फाऊडेशन के उपाध्यक्ष  श्री राहुल अग्रवाल जी व संरक्षक सदस्य श्री महेन्द्र अग्रहरि जी


प्रकृति ने हमें जीवन  निर्वाह करने के लिए अनेक सुंदर उपहार दिये गये हैं उनमें से पेड़ हमारे लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण उपहार हैं। हमारे स्वास्थ्य एवं समृद्धि का पेडों से बहुत गहरा सम्बन्ध है। पेड़ प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों तरह से हमारे लिए अत्यंत उपयोगी हैं।

मैं आपके साथ पेड़ों से होने वाले 10 फायदे साझा कर रहा हूँ और इन्ही फायदों के कारण हमें वृक्षारोपण अवश्य करना चाहिए :-
1. ऑक्सीजन का स्रोत हैं पेड़
धरती पर जीवन के लिए अत्यंत जरूरी तत्वों में से जल और ऑक्सीजन प्रमुख हैं और हम ये जानते हैं धरती पर ऑक्सीजन के मुख्य स्रोत पेड़ ही हैं। वैसे तो सभी वृक्ष दिन के समय ऑक्सीजन छोड़ते हैं। जो जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है परंतु पीपल का वृक्ष सबसे ज्यादा ऑक्सीजन प्रदान करने वाला वृक्ष है।


Related image

2. पर्यावरण को करते हैं शुद्ध
 हमारे वायुमण्डल में उद्योग तथा मानवीय कचरे आदि के कारण अनेक जहरीली गैस तथा रसायन मिल जाते हैं इन जहरीली गैस तथा रसायनों को वायुमण्डल से साफ करने में पेड़ पौधे प्रमुख भूमिका निभाते हैं। CO2 का उपयोग करके ऑक्सीजन के रूप में शुद्ध हवा वातावरण में उत्सर्जित करते हैं। 
Image result for air purifier neem tree


3. स्वास्थ्य की करते हैं रक्षा
अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाने में पेड़ो द्वारा हमें एक मजबूत कवच प्रदान किया जाता है। जिससे त्वचा कैंसर (skin cancer½ तथा अन्य बीमारियों से सुरक्षा मिलती है। पेड़ों के द्वारा प्रदत्त शुद्ध हवा से रोगी व्यक्ति के स्वास्थ्य में शीघ्र ही सुधार होता है। कई अंतर्राष्ट्रीय शोध भी यह बताते हैं कि हरे भरे वातावरण के रहने से डिप्रेशन ¼Depression½]  तनाव (Stress½ , अनिद्रा ¼insomnia½  जैसी मानसिक समस्याओँ ¼Mental problems½ में शीघ्र सुधार होता है।
Image result for health benefit neem tree


4. जल का करते हैं संरक्षण
पेड़ अपनी छाया के द्वारा जमीन से जल वाष्पीकरण कम करने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। जिससे जल संरक्षण ¼Water Conservation½  होता है। और जल का शुद्धिकरण भी होता है। 

मृदा अपरदन (मिट्टी के कटाव) को रोकते हैं पेड़
पेड़ पानी के संरक्षण ¼water conservation) में तो सहायक है ही साथ ही तेज तूफान एवं बाढ़ की स्थिति में मिट्टी के कटाव को रोकते हैं। जिससे मिट्टी के उपजाऊ तत्व बहने से बच जाते हैं साथ ही बाढ़ से बचाव होता है।
Related image
अच्छी बारिश के प्रमुख कारण है पेड़ 
जिस क्षेत्र में पेड़ पौधों की बहुतायत होती हैं वहां अच्छी बारिश होती है जिससे सूखे से बचाव होकर अर्थव्यवस्था को गति मिलती हैं। अच्छी फसल होती है। किसानों को उपज का ज्यादा मूल्य मिलता है। बाजार में पैसा ज्यादा आता है। अतः हमें हमेशा पेड़ काटने में शामिल होने के बजाय पुराने पेड़ों के संरक्षण तथा नये पेड़ लगाने में योगदान देना चाहिये।
Related image
नीम के पेड़ की जड़ से लेकर छाल, तना, निंबोली और पत्तियां सभी कुछ उपयोगी है। कई शोधों में नीम के कई चमत्कारित गुण सामने आए हैं। आयुर्वेद में नीम को अमृत के समान माना जाता है।
Related image

नीम के पेड़ की जड़ से लेकर छाल, तना, निंबोली और पत्तियां सभी कुछ उपयोगी है। ईंधन से लेकर दवाई तक में नीम का इस्तेमाल हमेशा ही होता आया है। नीम को लेकर भारत सहित तमाम देशों में शोध होते रहे हैं और इन शोधों ने नीम के कई चमत्कारित गुण दुनिया को बताएं हैं। 

आयुर्वेद से जुड़े लोग नीम को अमृत के समान बताते हैं। 


नीम एक ऐसा पेड़ है जो सबसे ज्यादा कड़वा होता है परंतु अपने गुणों के कारण आयुर्वेद व चिकित्सा जगत में इसका अहम स्थान है। नीम रक्त साफ करता है। दाद, खाज, सफेद दाग और ब्लडप्रेशर में नीम की पत्ती लेना लाभदायक होता है।

नीम कीड़ों को मारता है। इसलिए इसकी पत्तों को कपड़ों व अनाज में रखा जाता है। नीम की 10 पत्ते रोज खाने से रक्तदोष खत्म हो जाता है।


नीम के पंचांग, जड़, छाल, टहनियां, फूल पत्ते और निंबोली बेहद उपयोगी हैं। इसलिए पुराणों में इसे अमृत के समान माना गया है। नीम आंख, कान, गला और चेहरे के लिए उपयोगी है। आंखों में मोतियाबिंद और रतौंधी हो जाने पर नीम के तेल को सलाई से आंखों में डालने से काफी लाभ होता है।
Related image

नीम के पत्ते को पीसकर अगर दाईं आंख में सूजन है तो बाएं पैर के अंगूठे पर लेप लगाएं। सूजन अगर बनाईं आंख में हो तो दाएं अंगूठे पर लेप करें। आंखों की लाली और सूजन ठीक हो जाती है।
Image result for neem tree
कान में दर्द या फोड़ा फुंसी हो गई हो तो नीम या निंबोली को पीसकर उसका रस कानों में टपकाए। 


कान में कीड़ा गया हो तो नीम की पत्तियों का रस गुनगुना कर इसमें चुटकी भर नमक टालकर कान में टपकाकर, कीड़ा मर जाएगा।
Image result for ear clipart
अगर कान से पीप आ रहा है तो नीम के तेल में शहद मिलाकर कान साफ करें, पीप आना बंद हो जाएगा। सर्दी जुकाम हो गया हो तो नीम की पत्तियां शहद मिलाकर चाटें। खराश तुरंत ठीक हो जाएगी।


ह््रदय रोगों में भी नीम लाभदायक है। ह््रदय रोगी नीम के तेल का सेवन करें तो काफी फायदा होगा। नीम की दातुन से दांत साफ करना काफी फायदेमंद होता है।घर पर इसका मंजन भी बनाया जा सकता है।


अपच की समस्या हो तो निंबोली खाने से रूका हुआ मल बाहर निकल जाता है। 
Related image
बासी खाना खाने से पित्त, उल्टियां हो तो इसके लिए नीम की छाल, सोंठ और कालीमिर्च को पीस लें और आठ-दस ग्राम सुबह शाम पानी से फांक लें। तीन चार दिनों में पेट साफ हो जाता है।


Image result for help support image


नीम का वृक्ष इस पृथ्वी पर पाया जाने वाला ऐसा अमृतरूपी वृक्ष है जिसका गुणगान दो चार पन्नो में नही किया जा सकता है यह प्रकृति द्वारा मनुष्यो को दिया गया एक संजीवनी बूटी से  कम नही है इसलिये मेरा सभी मित्रो से निवेदन है कि ऐसे अनमोल वृक्षो को बचाए और अत्यधिक लगाए व साथ ही नीम के पौधे को लगाने के लिऐ अपने सगे संबधियो व मित्रगणो को प्ररित करे। 


मेरा आप लोगो से निवेदन है के पर्यावरण संरक्षण के इस महायज्ञ में आप भी हमारी टीम का हिस्सा बनिये। और प्रकृति संरक्षण के महायज्ञ में अपना योगदान देकर आने वाली पीढीयो को बेहतर भविष्य व स्वच्छ वातावरण का निर्माण करने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करे।

संदीप कुमार मौर्य
अध्यक्ष
आक्सीरिच ईन्वायरमेन्ट वेलफेयर फाऊडेशन



1 comment:

वृक्ष मित्र (सेल्फी वीथ ट्री) अभियान द्वारा वृक्षों के संरक्षण के प्रति लोगो में जागरूकता का प्रयास

पेड़ हमारे जीवन व मानव सभ्यता के प्रतीक हैं। पेड़ों के बिना धरती पर जीवन की कल्पना करना असंभव है। ये धरती मॉ के द्वारा हम मनुष्यों को दि...