पेड़ हमारे जीवन व मानव सभ्यता के प्रतीक हैं। पेड़ों के बिना धरती पर जीवन की कल्पना करना असंभव है। ये धरती मॉ के द्वारा हम मनुष्यों को दिया गया अनमोल उपहार है पेड़ों के कारण ही मनुष्य व जीव-जन्तु, पशु-पक्षी आदि को अपनी आधारभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के हेतु सुगमता से संसाधन प्राप्त होते हैं। यदि पृथ्वी पर पेड़ न हों तो पर्यावरण का संतुलन ही बिगड़ जायेगा और चारो-ओर तबाही ही तबाही नजर आयेगी।
आजकल हम लोग विकास की आधुनिकता एवं विलासतापुर्ण जीवन शैली के चलते अपने चारो ओर कंकरीट के जंगल , पहाड, व सूखी नदियो का निर्माण कर रहे है और वे भी इस प्राकृतिक अनमोल धरोहरो से अर्जित किये गये धन से। यदि पेड़ काटने के साथ-साथ इनका रोपण न किया गया तो एक दिन ऐसा अयेगा कि धरती पर जीवन की संभावनायें ही खत्म हो जायेगी ।
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वृक्ष मित्र अभियान को सफल बनाने हेतु अपना योगदान देते फाऊडेशन अध्यक्ष श्री संदीप कुमार मौर्य संरक्षक श्री महेन्द्र अग्रहरी (मंटू भैया) |
वृक्ष हमारे जीवन के अभिन्न अंग है जो हमे हवा, पानी, खाने-पीने की सामग्री, ईंधन, वस्त्र, जानवरों का चारा अन्य कार्यों में प्रयोग करने के लिए लकड़ी सब हमें इन्ही वृक्षों से ही मिलता है। पेड़ / वृक्ष पर्यावरण से कार्बन डाईऑक्साईड लेकर बदले में ऑक्सीजन देते हैं। पेड़ों पर कई जीव-जन्तु अपना घर बनाते हैं। यदि पेड़ न हों तो हम अपने आस पास स्वस्थ पर्यावरण की कल्पना भी नही कर सकते ।
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वृक्ष मित्र अभियान को सफल बनाने हेतु अपना योगदान देते फाऊडेशन कोषाध्यक्ष श्री रणजीत मौर्य श्री पूरन परस्ते एव रामचन्द्र रजक |
आज हमारे द्वारा प्रकृति के ऐसे अनमोल व अद्भूत सम्पतियों को नष्ट किया जा रहा है यदि ऐसी परिस्थिति चलती रही तो धीरे-धीरे प्रकृति का संतुलन बिगड़ता जायेगा और एक दिन ऐसा अयेगा कि प्रकृति व पर्यावरण में विद्यमान अमूल्य सम्पदाओं व प्रजातियो इत्यादि को लुप्त कर देंगे। इस प्रकार इस धरती पर न जीवन होगा न जीव-जन्तु, पशु-पक्षी।
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वृक्ष मित्र अभियान को सफल बनाने हेतु अपना योगदान देते फाऊडेशन सचिव श्री राजीव शर्मा व श्री अमित दुबे जी |
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वृक्ष मित्र अभियान को सफल बनाने हेतु अपना योगदान देते फाऊडेशन पदाधिकारी व सम्माननीय सदस्य |
जिसका उदाहरण स्वयं स्लीमनाबाद है


अर्थात कुछ दशको पूर्व तक स्लीमनाबाद व आस पास के क्षेत्रों में वनो, जगलो, की भरमार थी यहां की जल स्रोत्र तालाब व पोखरे बारहो महीने पानी से लबालब भरे रहते थे नदिया बारहों महीने अविरल कल कल की ध्वनि के साथ बहते हुए पशु-पक्षी जीव जन्तु व कृषको को जीवन्त करती रही है किन्तु आज स्थिति कहां और कैसी है व भविष्य की तो सोचने मात्र से पूरे शरीर में सिहरन पैदा हो जाती है यदि हम प्राकृतिक आपदाओं से बचना चाहते हैं तो हमें पेड़ों के संरक्षण की ओर कदम उठाने ही होंगे।






अर्थात कुछ दशको पूर्व तक स्लीमनाबाद व आस पास के क्षेत्रों में वनो, जगलो, की भरमार थी यहां की जल स्रोत्र तालाब व पोखरे बारहो महीने पानी से लबालब भरे रहते थे नदिया बारहों महीने अविरल कल कल की ध्वनि के साथ बहते हुए पशु-पक्षी जीव जन्तु व कृषको को जीवन्त करती रही है किन्तु आज स्थिति कहां और कैसी है व भविष्य की तो सोचने मात्र से पूरे शरीर में सिहरन पैदा हो जाती है यदि हम प्राकृतिक आपदाओं से बचना चाहते हैं तो हमें पेड़ों के संरक्षण की ओर कदम उठाने ही होंगे।
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वृक्ष मित्र अभियान को सफल बनाने हेतु अपना योगदान देते फाऊडेशन पदाधिकारी व सम्माननीय सदस्य |
लेकिन क्या मनुष्य इस प्राकृतिक संसाधन से अपना लाभ लेना ही जानता है या वह इसके संरक्षण और संर्व्धन की ओर भी जागरुक है? वर्तमान की स्थिति देखकर ऐसा लगता है कि हम पेड़ों को बचाना तो चाहते हैं पर शायद उतना प्रयास नहीं कर पा रहे हैं जितना आवश्यक है।

वृक्ष मित्र अभियान में अपना योगदान देते फाऊडेशन पदाधिकारी व
थाना प्रभारी श्री ईन्द्रेश त्रिपाठी थाना स्लीमनाबाद
वृक्ष मित्र (सेल्फी वीथ ट्री) अभियान का तात्पर्य :-
1. इस अभियान के माध्यम से संस्था व सस्था के सहयोगी द्वारा आमजनो को वृक्षो के प्रति लगाव स्थापित करना है।
2. इस अभियान में संस्था के सहयोगी के द्वारा आस-पास उपस्थिति वृक्षो को लगभग 3-4 फिट उचाई तक चूना पोताई कर उस पर रगों के माध्यम से विभिन्न प्रकार के संकेत व संदेश उकेरित कर आमलोगो में वृक्षो के संरक्षण के प्रति जगरूकता लाना है।
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वृक्ष संरक्षण हेतु आमजनो हेतु सदेशात्मक संदेश लिखते फाऊडेशन अध्यक्ष श्री संदीप कुमार मौर्य | संरक्षक श्री महेन्द्र अग्रहरी मंटू भैया |

3. हम सब भारत की भूमि पर पैदा हुए है तथा भारतीय संस्कृति व इतिहास विश्व प्रसिद्व है भारतीय संस्कृति में संबधो को महत्व दिया गया है अतः सस्था इसी संस्कृति को आगे बढाते हुए मानवो व वृक्षों के बीच संबध जोडकर उनकी रक्षा हेतु सकल्पित करना।

4. यह कि हम सब भारतवासी सदियो से धरती को अपनी माता पुकारते है तो हम भी धरती मॉ की संताने है और वृक्ष, नदियां, पहाड, आदि भी, धरती मॉ की ही कोख से जन्मे है तो ये सब भी इसी माता की संतान है अतः जब हम सब एक ही मॉ की संतान है तो धरती पर उपस्थित समस्त वस्तुओ से हमारा गहरा संबध होना चाहिये। और है भी, किन्तु आज आधुनिकता व विलासतापूर्ण जीवन शैली ने इन संबधो पर कैची चला दिया है। अतः हमारी संस्था का उद्देश्य इस अभियान के माध्यम से पुनः प्रकृति व मानवो में उन्ही संबधो को स्थापित करना है
5. यदि आज हम इस दिशा में कार्य करेंगे तभी भावी पीढ़ी को भी इस ओर काम करने की प्रेरणा मिलेगी।

6. हम खुशी के अवसर पर पैसा खर्च करते हैं, दावतें करते हैं लेकिन इन सब के बजाय यदि उसका कुछ हिस्सा भी हम पौधारोपण और पेड़ों के संरक्षण पर खर्च करें तो ये सिर्फ हमारे जान-पहचान वालों के लिए ही नहीं बल्कि मनुष्य व आने वाली पीढी के लिए भी खुशीयाली का संकेत होगी।

पेड़ प्रकृति की वो देन है जिसका कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है। पेड़ हमारा सबसे घनिष्ठ मित्र है। हमारे द्वारा लगाया गया पेड़ सिर्फ हमें ही लाभ नहीं पहुँचाता बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों को लाभ पहुँचाता है ।
इसलिये हमारी संस्था "आक्सीरिच इन्वायरमेन्ट वेलफेयर फाऊडेशन" - तेवरी के द्वारा वृक्षों के संरक्षण के प्रति लोगो में जागरूकता लाने के उद्देष्य से ’’वृक्ष मित्र (सेल्फी वीथ ट्री) अभियान’’ चलाकर वृक्षो का मानव जीवन व पृथ्वी पर इसके महत्व के बारे में आमजनो में जागरूकता लाने का प्रयास कर रही है।
मेरा आप लोगो से निवेदन है के पर्यावरण संरक्षण के इस महायज्ञ में आप भी हमारी टीम का हिस्सा बनिये। और प्रकृति संरक्षण के महायज्ञ में अपना योगदान देकर आने वाली पीढीयो को बेहतर भविष्य व स्वच्छ वातावरण का निर्माण करने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करे।
निवेदक :
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निवेदक :
संदीप कुमार मौर्य
अध्यक्ष
आकसीरिच ईन्वायरमेन्ट वेलफेयर फाऊडेशन